Dry Eyes
dry eyes    

आँखों में मेटाबोलिक क्रियाएँ ठीक से चलती रहे तथा नमी बनी रहे, इसके लिए आंसु का पर्याप्त मात्रा में बनना बहुत जरूरी है | यदि आंसु कम बने या ना बने तो आँखों में सूखापन की समस्या आती है जो कई अन्य रोगों का कारण होती है | जो लोग गर्म जगहों पर ( heat exposed, air exposed ) भट्टी पर काम करने वाले, लम्बे समय तक कंप्यूटर व मोबाइल पर काम करते है, उनमे इसकी ज्यादा संभावना रहती है | स्त्रियों में 45 (मेनोपॉज) के बाद तथा पुरुषों में 50 के बाद अक्सर ज्यादा सूखापन आँखों में आने लगता है |



ड्राय आईज़ के कारण (Reason of Dry Eyes)–

स्थानीय वातावरण, ए.सी., कंप्यूटर (Computer Vision Syndrome/CVS), मोबाइल, मानसिक तनाव, रूम हीटर, प्रदूषण, लम्बे समय तक कोई दवाई लेना, दर्द निवारक दवाइयाँ, तेज व सुखी हवा, गर्म जगह काम करना, ब्लडप्रेशर, शुगर या कोई लम्बी बिमारी, फील्ड वर्क, नंबर का चश्मा होना, आर्थराइटिस, हेयर ड्रायर, कमजोर स्वास्थ्य, चोट लगना, हार्मोन थेरेपी, लेज़र चिकित्सा, विटामिन-ए की कमी, शरीर में लुब्रीकेशन की कमी |


ड्राय आईज़ के लक्षण (Symptoms of Dry Eyes)–

आँखों में जलन, खुजली, ईरीटेशन, लालपन, भारीपन, जाला आना, धुंधलापन, पानी आना, बिना कारण आँख में दर्द व थकान, बार-बार एलर्जी व इन्फेक्शन होना | नेत्र में जखम, आँखें निस्तेज सी हो जाती है | यदि ये लक्षण या पूर्णरूप से आँखों में दिखे तो शुरू से ही या तुरंत Temporary Lubricating Drop डालने की बजाय आयुर्वेद नेत्रतज्ञ से संपर्क करें |


Dry Eyes Treatment in Ayurveda ( आयुर्वेद के अनुसार शुष्काक्षिपाक का ईलाज ) –

1. पर्याप्त मात्रा में पानी पीवे |
2. धूप में टोपी लगावे |
3. नंबर का चश्मा या डार्क गोगल पहने |
4. आँखों का अन्तराल के बाद पानी से धोवे |
5. पलके झपकाते रहे |
6. Natural Tear Stimulator अपनावे |
7. संतुलित आहार का भोजन करें |
8. विटामिन A से भरपूर चीजे खावे |
9. आयुर्वेद नेत्रतज्ञो की सलाह से नेत्र क्रियाकल्प ईलाज लेकर अथवा प्राकृतिक तरीके से आंसु बनने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करें |
10. काम करते समय लाईट व हवा सामने की बजाय पीछे से आनी चाहिये |
11. Natural Tear Formation Stimulator Treatment is available in Ayurved. Take a Consult with Ayurved Eye Physician.


   


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